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Vidrohi 15 October 2021 Written Update - Bakshi Ne Badmba Se Milne Ka Nirnay Liya

Vidrohi 15 October 2021 Written Update - Bakshi Ne Badmba Se Milne Ka Nirnay Liya

कल के एपिसोड में हमने देखा की कैसे कल्याणी जेफ्री का प्रस्ताव ठुकरा देती है, लेकिन जेफ्री भी कुछ कम नहीं है, वो भी जाते जाते कल्याणी को इस्का परिणम भुगतने के लिए चेतनी देकर जाता है।

उधर, सुवर्णा अपने आभूषण बख्शी को देती है जिससे उसे युद्ध में मदद मिले, वहीँ गदाधर ये देख कर क्रोधित हो जाता है और युद्ध में अपने भाई का समर्थन करने से मना कर देता है।

राधा के पिता बख्शी को अंगरेजो से न लड़कर उनके प्रस्ताव को स्विकार करने की सलाह देते हैं, तभी राधा अपने पिता को रोकते हुए बख्शी के फैसले पर संदेह न करने को कहती हैं, और बख्शी का समर्थन करती है।

दसरी ओर कल्याणी और बख्शी को जेफ्री धामकी भरा पत्र भेजता है और समर्पण करने को कहता है।

पत्र पढ़ कर बख्शी क्रोधित हो जाता है और अंग्रेजी के खिलाफ युद्ध के लिए तैयर होता है।

बख्शी की तरह ही कल्याणी भी अंगरेजो के आगे झुकने से मना कर देती है और अंगरेजो को सबक सिखाने की ठान लेती है।

क्रोध में बख्शी जेफ्री के पास जा पोहोचता है और उस पर अपनी तलवार तान देता है, यह देख जेफ्री भी अपनी बंदुक बख्शी पर तान देता है।


Vidrohi-15-October-2021-Written-Update

विद्रोही 15 अक्टूबर 2021 लिखित अपडेट - बख्शी ने बड़म्बा से मिलने का निर्णय लिया

विद्रोही का आज का एपिसोड वही से शुरू होता है जहां पर बख्शी ने जेफ्री पे अपना तलवार ताना हुआ है और जेफ्री ने बख्शी पर अपनी बंदुक।

फ़िर बख्शी अपनी तलवार हटाता है और ये देख जेफ्री भी अपनी बन्दुक हटा लेता है, और फिर दोनो कुश्ती लडने लगते हैं।

बख्शी जेफ्री पर हावी हो जाता है तो, जेफ्री मुस्कुराता है और कहता है की वाकई बख्शी उस से बहुत नफ़रत करता है, जवाब में बख्शी कहता है की वह अपने परिजनो की रक्षा के लिए किसी से भी लड़ सकता है।

साथ ही बख्शी जेफ्री को चेतवनी देता है की वह उसे बेरहमी से मार कर दफ़ना देगा और ग़ुस्से में वहाँ से जाने लगता है।

तभी पीछे से जेफ्री बख्शी से कहता है की वो जो भी कर रहा है, वह महाराज के साथ किये गए अनुबंध के आधार पर कर रहा है।

जेफ्री ये भी कहता है की अगर बख्शी को उसकी बातों पर भरोसा नहीं है, तो वो खुद महाराज से जा कर ये बात पूछ सकता है।

वही दुसरी ओर, कल्याणी अपनी माँ की तस्वीर देख कर उन्हें याद करती है और मस्कुराती है।
कल्याणी अपनी माँ की तस्वीर से कहती है की वो मोहन को अपने बच्चे की तरह हमेशा सुरक्षित रखेगी और अपनी माँ से किया हुआ वादा पूरा करेगी।

उसी समय बदम्बा और मोहन वहाँ आ जाते हैं।

मोहन कहता है की कल्याणी बिलकुल उनकी मां की तरह दिखती है, और तबी बदम्बा मोहन को उनकी माँ के बारे में बताता है कि उनकी माँ भी एक बहादुर योद्धा थी।

उधर राधा अपने माता पिता के व्यवहार के लिए अपनी निरशा साझा करती है और कहती है कि उसे गहने या आभूषण की जरूरी नहीं है।

सुवर्णा राधा से कहती है की अपने माता पिता से नराज नहीं होना चाहिए।

बख्शी का भाई गदाधर चुपके से दरवाजा का ताला तोड़ कर वहाँ से चोरी करने ही वाला होता है की वहाँ राधा आ जाती है।

राधा कहती है की उसके भाई और माँ उस पर बहुत भरोसा करते हैं और जानते है की वह उनका साथ जरूर देगा।

फिर राधा गदाधर को चाबी देकर उनका भरोसा तोडने के लिए कहती हैं।

गदाधर अपनी निरशा दिखाते हुए कहता हैं कि उसकी माँ ने उसे कभी अपना नहीं माना और हमेशा पक्ष्पाथ किया है।

गदाधर कहता है की उनको अपनी आने वाली पीढ़ी के बारे में भी सोचना चाहिए।

वही दुसरी ओर, बख्शी महाराज को मिल कर अंगरेजो की बात माने और अपने मंदिर और जमीन देने के बारे में सवाल करने उनके पास पोहोचता है।

महाराज बताते हैं की उन्हें कुछ ठीक से याद नहीं है, लेकिन यह याद है की अंगरेजो ने उनसे किसी कागज़ात पर हस्ताक्षर करवा लिए थे।

बख्शी क्रोधित हो कर कहता है की उन्होंने उसे धोका दिया है, और अब उन्हे अंगरेजो के साथ युद्ध करने की घोषना कर देनी चाहिए।

जिस पर महाराज उसे रोक लेते हैं और किसी भी तरह के युद्ध के लिए मना कर देते हैं।

ये सुनते ही बख्शी चौक जाता है और अपने महाराज को समझाने की कोशिश करता है, लेकिन महाराज कहते हैं कि वह और अप्मान नहीं सह सकते और न ही अंग्रेज़ो के खिलाफ युद्ध जीत सकते हैं।

वही कल्याणी अपने भाई को तलवार का अभ्यास करवा रही होती है, तभी वहाँ कुछ और बच्चे आ जाते हैं और अंग्रेज़ो के प्रति अपना भय के बारे में बताते हैं।

कल्याणी उन्हे हिम्मत देती हैं और एक दूसरे पर विश्वास करने को कहती हैं।

उधर, राधा सुवर्णा को गदाधर के बारे में सब कुछ बता देती है। अपने बेटे के बारे में सुन कर सुवर्ण दुःखी हो जाती है और कहती है की उसने कभी भी अपने बच्चों के बीच अंतर नहीं किया है।

उसी समय बख्शी वहां पर आ जाता है और अपनी चिंता उन्हे बताता है।

बख्शी की माँ उससे दुसरे राज्यों से मदद लेने की सलाह देती है, तभी बख्शी तो बदम्बा की याद आती है और उनसे मिलने का फैसला करता है।

वही बदम्बा कल्याणी को बता है कि अंग्रेज़ो के पास आधुनिक हथियार है, इस लिए वो उन्हें नहीं हरा पाएंगे। वो कहते हैं की उन्हे किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जो अंग्रेज़ो को हराने में उनकी मदद कर सकता है।

एपिसोड समाप्त

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