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Ghum hai Kisikey Pyaar Mein 26 October 2021 Written Update - Pakhi Hui Asurakshit

Ghum hai Kisikey Pyaar Mein 26 October 2021 written update – Pakhi Hui Asurakshit

कल के एपिसोड में हमने देखा की सोनाली को भवानी ने दंडित करने के लिए मसाला पीसने बोला था जो उसे न चाहते हुए भी करना पड़ रहा है।

तभी साईं वहाँ आती है और उसे काम करता देख कहती है की आप यह काम मत करो, मैं कर देती हूं।

सोनाली और ओंकार जो पहले से ही साईं से गुस्सा हैं, क्यूंकि उसके कारण से सोनाली को यह काम करना पड़ रहा है, उन्हें लगता है की साई अभी यहाँ नाटक कर रही है।

साई सोनाली को काम से उठने की कोशिश करती है और इसी में सोनाली का धक्का साई को लग जाता है और वो गिरने वाली होती है की भवानी उसे बचा लेती है।

इसके बाद सोनाली और ओंकार - भवानी और बाकी परिवार वालों के बीच काफी कहा सुनी हो जाती है।

जिस पर गुस्से में सोनाली साईं को अनात कह देती है, जिससे पूरा परिवार हैरान रे जाता है और साई रो पड़ती हैं।

सोनाली, ओंकार, करिश्मा और पाखी को छोड़ कर सभी साईं की तरफ खड़े हो जाते हैं और उसे अपना परिवार कहते हैं।

इसके बाद सोनाली को अपनी सज़ा पूरी करने के लिए फिर से काम करना पड़ता है और गुस्से में काम करते हुए उसे चोट लग जाती है।

पाखी सोनाली को हल्दी और पट्टी लगती है, तभी भवानी पाखी को बचा हुआ काम करने को कहती है।

पाखी बताती है कि उसके पास पहले से ही बहुत काम है और उसके बाद उसे और सम्राट को गणेशजी की आरती भी करनी है।

इस पर भवानी कहती हैं की आज की आरती साईं और विराट करेंगे, अब आगे…

Ghum-hai-Kisikey-Pyaar-Mein-26-October-2021-Written-Update

गुम है किसी के प्यार में 26 अक्टूबर 2021 रिटन अपडेट- पाखी हुई असुरक्षित

एपिसोड की शुरुआत में भवानी पंडित जी से कहती हैं कि विराट और साईं आरती करेंगे। वैशाली पाखी से कहती है कि यह गलत है, क्योंकि उसने और सम्राट ने पहली पूजा की थी।

पाखी कहती है कि साई हमेशा उससे उसका अधिकार छीन लेती है, लेकिन वह कुछ करेगी। वह साईं को बैठने के लिए एक कुर्सी देती है और कहती है कि वह थक गई होगी क्योंकि वह अभी अस्पताल से आई है।

शिवानी और मोहित को पाखी के इरादों पर शक है।

साईं पाखी को उसके बारे में सोचने के लिए धन्यवाद देती है लेकिन कहती है कि वह आरती के दौरान खड़ी रहेगी। वैशाली कहती है कि उन्हें सम्राट और पाखी को पूजा करने देना चाहिए, क्योंकि साईं अस्वस्थ हैं।

भवानी पाखी और उसकी माँ वैशाली की मंशा समझ जाती है और कहती है कि वह एक माँ के रूप में उसकी प्रतिक्रिया को समझ सकती हैं, लेकिन यह उनका पारिवारिक मामला है इसलिए वे तय करेंगी कि पूजा कौन करेगा।

अश्विनी वैशाली से कहती है कि साईं को अपनी जान बचाने के लिए बाप्पा को धन्यवाद देने के लिए पूजा करनी चाहिए।

सम्राट भी कहता हैं कि इस परिवार में सभी एक जैसे हैं इसलिए उन्हें यह महसूस नहीं करना चाहिए की कोई किसी से बढ़कर है।

पंडितजी के निर्देशानुसार विराट और साईं पूजा करते हैं। पाखी उन्हें गुस्से से देखती है। सभी लोग बप्पा को विसर्जन के लिए बड़े हर्षोल्लास के साथ बाप्पा की मूर्ति को घर में एक टैंक में विसर्जित करने के लिए ले जाते हैं।

निनाद विराट से बप्पा के कानों में अपनी इच्छा फुसफुसाने के लिए कहता हैं। तभी ओंकार विराट से साईं के लिए कुछ दिमाग की कामना करने के लिए कहता है।

साईं हस्ते हुए कहती हैं कि वह बिल्कुल सही कह रहे हैं और उन्हें डॉक्टर बनने के लिए बहुत दिमाग की जरूरत है। विराट बाप्पा से कहता हैं कि साईं की सभी इच्छाएं पूरी करें।

विराट कहता है कि अगर साईं उससे दूर रहना चाहती हैं, तो इसे सच होने दें, लेकिन उसे किसी भी तरह से चोट न पोहोचाये।

इसके बाद साईं विराट की सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए बाप्पा के कानों में फुसफुसाती हैं। वह यह भी कहती हैं कि विराट अगर उससे दूर रहना चाहता हैं तो उसकी इच्छा पूरी हो।

फिर पाखी चाहती हैं कि बाप्पा विराट को इस बात से अवगत कराएं कि उसने साईं को चुनकर गलती की है।

अंत में सम्राट अपनी शादी को दूसरा मौका देने के अपने फैसले को गलत साबित न होने देने के लिए प्राथना करता हैं। जैसे ही सभी प्रार्थना कर लेते हैं, विराट मूर्ति को विसर्जित कर देता हैं।

पाखी ब्राह्मणों को भोजन परोसने ही वाली होती है कि भवानी उसे रोक लेती है और साईं को परोसने के लिए कहती है, क्योंकि वह खाना पकाने में मदद नहीं कर पायी थी।

साईं सभी को प्रसाद देती हैं, यह देख पाखी और उसकी माँ बुरी तरह से जल भुन जाते है।

वैशाली पाखी से कहती है कि उन सभी ने खाना बनाने के लिए बहुत मेहनत की लेकिन भवानी ने साईं को ब्राह्मणों से आशीर्वाद पाने के लिए इसे परोसने की अनुमति दे दी।

पाखी कहती है कि हर कोई इन दिनों साईं को महत्व दे रहा है। वह कहती है कि साई को इतनी अहमियत इसलिए मिलता है क्योंकि वह विराट की पत्नी है। वह वैशाली से कहती है कि अश्विनी ने विराट और साई को अलग-अलग कमरों में रहने के लिए कहा है, यह सुन कर वैशाली हैरान हो जाती है।

विराट को अपने कमरे में साई की याद आती है और हर जगह उसे साई दिखती है। तभी साईं सच मुच् में वहाँ आ जाती है, लेकिन विराट को लगता है कि वह सिर्फ सपना देख रहा है।

विराट सोचता है कि उसके साथ क्या हो रहा है। साईं उसे बुलाती है लेकिन उसे लगता है कि वह इसकी कल्पना कर रहा है।

साई सोचती है कि विराट उससे ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है। साईं विराट से पूछती है कि क्या वह ठीक है। विराट कहता हैं कि वह वास्तविकता और भ्रम के बीच का अंतर जानता हैं।

साई यह साबित करने के लिए विराट की नाक खींचती हैं कि वह वास्तव में वहाँ है। विराट हैरान हो जाता है फिर साई से सॉरी कहता है।

साईं कहती हैं कि उसे तो खुश होना चाहिए कि इस कमरे में उसे अब और बर्दाश्त नहीं करना पड़ेगा। विराट सोचता है कि वह उसे बता नहीं सकता कि वह उसे कितना याद करता है।

विराट पूछता है कि वह वहाँ क्या कर रही है। यह सुन कर साई कहती हैं कि उसे यह बताना चाहिए था कि उसे इस कमरे में अब आने की अनुमति नहीं है।

विराट कहता है कि वह चाहता था कि साई अपने कमरे में आराम करे। साईं कहती हैं कि उसे इस कमरे की आदत हो गयी है।

विराट सोचता है कि क्या साईं ने अपने कमरे में वापस आने का फैसला किया है। विराट उसे बैठने के लिए कहता हैं। वह उससे पूछता है कि क्या वह इस कमरे में वापस आने वाली है।

एपिसोड समाप्त

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