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Ghum hai Kisikey Pyaar Mein 15 October 2021 written update - Sai Manochikitsak Se Mili

Ghum hai Kisikey Pyaar Mein 15 October 2021 written update - Sai Manochikitsak Se Mili

कल के एपिसोड में हमने देखा की कैसे विराट साईं का ख्याल रखता है और हर वो मुमकिन कोशिश करता है जिससे साईं फिर से बोल सके।

चव्हाण परिवार विराट और साईं का प्यार देखकर बहुत ख़ुश होता हैं, और भगवान से प्रार्थना करता हैं की साईं जल्दी से ठीक हो कर घर वापस आ जाए।

वही चव्हाण परिवार में कोई ऐसा भी है जो ये नहीं चाहता की विराट और साईं करीब आए और साई दोबारा चव्हाण निवास में आए।

सम्राट के कहने पर पाखी साईं के बहाने विराट को मिलने तो चली जाती है, लेकिन विराट और साई का एक दूसरे के लिए प्यार देख कर मन ही मन बहुत जलती है।

और विराट जब पाखी को साईं से दूर रहने के लिए और उसके कमरे से बाहर जाने के लिए कहता है, पाखी दुःखी हो कर विराट को ताना मरते हुए वहां से चली जाती है।


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गुम है किसी के प्यार में 15 अक्टूबर 2021 लिखित अपडेट – साई एक मनोचिकित्सक से मिली

गुम है किसी के प्यार में का आज का एपिसोड वहीँ से शुरू होता है जहां पर विराट पाखी को साई से दूर रहने के लिए कहता है।

विराट के पाखी से ऐसा कहने से पाखी को बहुत हेयरानी तो होती है और साथ में वो दुःखी भी होती है।

पाखी विराट को ताना मरते हुए कहती हैं कि वो साईं के लिए गुलदस्ता लायी है, क्या वो साईं को दे सकती है या गुलदस्ते को कूड़ेदान में डाल दे।

विराट पाखी को गुलदस्ता देने की इज्जत दे देता है। पाखी गुलदस्ता साई और विराट को अपनी याद दिलाने के लिए वहां रखे हुए फूल दान में रख कर चली जाती है।

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साई पाखी के इस हरकत से बहुत ही ज्यादा नाखुश होती है, लेकिन विराट साईं को संभल लेता है और अपना ख्याल रखने के लिए कहता है।

पुलकित जो हमेशा से साईं के लिए अच्छा सोचता है, वो सम्राट से कहता है कि उसे पाखी को घर भेज देना चाहिए, और जितना हो सके उतना साई से दूर रखना चाहिए।

वही चव्हाण निवास में ओंकार को खुली आंखों से सपना आता है की साईं के वजह से रात के खाने में देर हो गयी है।

तभी सोनाली कहती है की साईं नाटक कर रही है, ये सुनते ही भवानी और निनाद क्रोधित हो जाते हैं और सोनाली को फटकार लगाते हैं।

फिर निनाद ओंकार से पुछता है की सोनाली और करिश्मा साईं को मिले के लिए हस्पताल क्यों नहीं गए।

सोनाली बप्पा का बहाना बना कर कहती है की गणेश चतुर्थी के समय बप्पा को घर पर अकेला नहीं छोड़ सकते हैं इस लिए हम नहीं जा पाए।

निनाद कहता है की अभी हम सब आ गए हैं तो तुम दोनो एक बार हस्पताल जा कर आओ।

सोनाली देर रात हो गई है कह कर बहाना बनती है और हस्पताल जाने के लिए टाल देती है।

ओंकार उनकी तराफदारी करते हुए कहता हैं की, वो हस्पातल जाकर आया है, तो यही काफ़ी है।

निनाद को ये बात बुरी लगती है और वह ओंकार को साईं को स्विकार करने के लिए कहता है, जैसी साईं है वैसे ही और फिर खाने के मेज़ से उठकर चला जाता है।

इस पर ओंकार कहता है की हर कोई साईं के लिए पागल क्यों हो रहा है, क्यों की साई का एक छोटा सा एक्सीडेंट हुआ है?

सोनाली और करिश्मा भी ओंकार का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि साईं ने भवानी और निनाद को बदल दिया है।

भवानी जवाब देती है की वो बदली नहीं है, बल्की उसे अपने देखने का नज़रिया ठीक किया है, और फिर वो भी खाने के मेज़ से उठ कर चली जाती है।

इस पर ओंकार सोनाली को कभी न बदलने के लिए कहता है और चाहता है की साई चव्हाण निवास छोड़कर हमेशा के लिए चली जाए।

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वही दुसरी ओर, साईं हस्पताल में जाग जाती है और विराट को ऐसी हालत में होने के लिए फटकार लगाती है।

विराट साई को अपने सामने बाते करते देखकर खुशी से उठ जाता है और कहता है कि पुलकित की बात सुन कर वो पहले डर गया था, और साई से मिलने से हिचकिचा रहा था।

साईं कहती है की तुम्हें तो मेरी बकबक से छुटकारा मिल गया था, विराट कहता है की वो साईं से बात कर के बहुत खुश है और फिर साई से पूछता है कि वो भविष्य में क्या करना चाहती है।

तभी साईं दुसरी तारफ मुड़ कर जाने लगती है और विराट साईं को बुलाता है और विराट की आँख खुल जाती है।

सपने में ही सही, पर विराट को साईं से बात कर के खुशी बहुत मिलती है।

फिर पुलकित डॉ. अंजलि जो एक मनोचिकित्सक है उन्हे साईं से मिलने के लिए ले कर साई के पास आता है।

विराट साईं को डॉ. से खुल कर बात करने को कहकर वहा से जाने के लिए उठ ही रहा होता है की साईं विराट का हाथ पक्कड़ कर उसे रोक लेती है।

ये देखकर डॉ. अंजलि विराट से कहती है की अगर साईं चाहती है कि विराट वही रहे तो वो रुक सकता है।

फ़िर डॉ. अंजलि साईं को बातती है की साई कितनी बहादुर है और कैसे उसने एक छोटे से बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की।

और पिछले एक साल में साईं को कितना कुछ सेहना भी पड़ा है अपनी निजी जिंदगी में।

ये सुन कर साईं भावूक हो जाती है, तो डॉ. अंजलि कहती है की अगर वो अपना दुःख बहार निकालने के लिए रोना चाहे तो रो सकती है।

ये सुनते ही साईं रोने लगती है और विराट पुलकित के साथ वहां से बहार चला जाता है।

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डॉ. साई से कहती हैं की वो किसी तरह का कोई संकोच न करते हुए अपनी बात उससे कर सकती है और वो साईं को एक कागज और कलम देती है जिस पर साईं "V" लिखती है।

एपिसोड समाप्त

क्या साई मनोचिकित्सक के मिलने के बाद बोल पाएगी?

प्लीज अपने विचार निचे कमैंट्स में बातये। 

ऐसे ही रोमांचक उपडटेस के लिए बने रहें केवल rocknroll.in पर..

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